लेखनी कहानी -27-Jan-2023

305 Part

62 times read

0 Liked

जिसकी जैसी भावना एक बार बुद्ध कहीं प्रवचन दे रहे थे। अपनी देशना ख़त्म करते हुए उन्होंने आखिर में कहा, जागो, समय हाथ से निकला जा रहा है। सभा विसर्जित होने ...

Chapter

×